पिछले 12 दिनों से ईरान और इजरायल के बीच जारी तनावपूर्ण युद्ध ने विश्व राजनीति और आर्थिक बाज़ारों में भूचाल ला दिया है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अचानक इस संघर्ष के बीच सीजफायर का ऐलान कर सबको चौंका दिया। ट्रंप ने अपने ट्रूथ सोशल अकाउंट पर एक पोस्ट के जरिए बताया कि इजरायल और ईरान ने युद्ध विराम पर सहमति बना ली है। उनके अनुसार अब दोनों देशों के बीच पूर्ण युद्ध विराम लागू होगा, हालांकि दोनों पक्षों से अभी तक इस घोषणा पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
यह ऐलान न केवल राजनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण है बल्कि वैश्विक आर्थिक बाजारों पर भी इसके गहरे प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। आइए विस्तार से समझते हैं कि ट्रंप के इस सीजफायर के ऐलान का बाजार के विभिन्न पहलुओं पर क्या असर पड़ सकता है।
शेयर मार्केट का सकारात्मक असर
इजरायल और ईरान के बीच सीजफायर के ऐलान से सबसे पहले शेयर बाजार पर अच्छा प्रभाव देखने को मिल सकता है। लंबे समय से मध्य पूर्व में तनाव की वजह से वैश्विक निवेशक चिंतित थे, जिससे शेयर बाजार में अस्थिरता बनी हुई थी। युद्ध विराम की खबर से निवेशकों का मनोबल बढ़ेगा, जिससे ग्लोबल स्टॉक्स में तेजी आ सकती है।
ऐसे ही पिछले इजरायल-हमास युद्ध के दौरान भी जब युद्धविराम हुआ था, तब S&P 500 इंडेक्स में 1 से 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई थी। इसके साथ ही भारत का NIFTY और सेंसेक्स भी सकारात्मक रुख अपनाए थे। निवेशक बाजार में फिर से भरोसा दिखाने लगे थे, जिससे आर्थिक गतिविधियां बेहतर हुईं।
यहां यह भी माना जाता है कि युद्धविराम से आर्थिक अस्थिरता कम होगी, जिससे वैश्विक पूंजी बाजार में स्थिरता आएगी और निवेशकों की सतर्कता में कमी आएगी। यह न सिर्फ अमेरिकी बल्कि अन्य देशों के बाजारों के लिए भी अच्छा संकेत होगा।
तेल की कीमतों में गिरावट की संभावना
मध्य पूर्व का क्षेत्र विश्व तेल उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र है। ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध ने तेल की आपूर्ति को प्रभावित किया है, जिससे कच्चे तेल की कीमतें बढ़ रही थीं। ट्रंप के सीजफायर के ऐलान से तेल की कीमतों में गिरावट की संभावना है।
जब युद्ध चलता है, तब निवेशक जोखिम को ध्यान में रखकर तेल की कीमतों में इजाफा करते हैं। युद्ध विराम के बाद, जोखिम का स्तर घटता है, जिससे तेल की कीमतें सामान्य स्तर पर लौट सकती हैं। इसका सीधा लाभ एशियाई देशों को मिलेगा, जहां तेल की मांग अधिक है। भारत जैसे बड़े तेल आयातक देशों के लिए यह राहत की खबर हो सकती है।
इसके अलावा, युद्ध विराम से निवेशक जोखिम प्रीमियम को कम करेंगे, जो तेल की कीमतों को बढ़ाने में सहायक होता है। परिणामस्वरूप, वैश्विक ऊर्जा बाजार में स्थिरता आएगी और पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में भी स्थिरता आ सकती है।
रक्षा क्षेत्र (Defence Stocks) पर असर
ट्रंप के सीजफायर के ऐलान से रक्षा कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी जा सकती है। पिछले युद्ध के दौरान रक्षा कंपनियों के स्टॉक्स में जबरदस्त उछाल आया था क्योंकि युद्धकाल में रक्षा उपकरणों की मांग बढ़ जाती है।
लेकिन युद्ध विराम की खबर के बाद रक्षा क्षेत्र की कंपनियों के स्टॉक्स में गिरावट आना स्वाभाविक है। अमेरिका की प्रमुख रक्षा कंपनियां जैसे RTX (Raytheon Technologies), नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन (Northrop Grumman), और लॉकहीड मार्टिन (Lockheed Martin) पर इसका असर दिखेगा।
पिछले दिनों ट्रंप द्वारा ईरान से बिना शर्त आत्मसमर्पण की मांग ने रक्षा स्टॉक्स में अस्थिरता बढ़ा दी थी। इस दौरान इन कंपनियों के शेयर्स में गिरावट दर्ज हुई थी। युद्ध विराम की स्थिति में उनकी बिक्री में कमी आ सकती है, जिससे शेयर मूल्य घट सकते हैं।
निवेशकों के मनोबल में सुधार
युद्ध की स्थिति में निवेशक ज्यादा जोखिम लेने से डरते हैं और अपने निवेश को स्थिर रखने की कोशिश करते हैं। ट्रंप के सीजफायर की घोषणा से निवेशकों के मनोबल में सुधार होगा। आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और पूंजी बाजार में तेजी आएगी।
विशेषज्ञ मानते हैं कि तनावपूर्ण स्थिति का खतरा कम होना अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत होता है। निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा, विदेशी निवेशक भारतीय और वैश्विक बाजारों में निवेश करने के लिए प्रेरित होंगे। इससे वैश्विक व्यापार में सुधार संभव होगा।
वैश्विक आर्थिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण कदम
मध्य पूर्व में युद्ध विराम की स्थिति वैश्विक आर्थिक स्थिरता के लिए भी लाभदायक है। युद्ध की वजह से वैश्विक व्यापार प्रभावित होता है और तेल जैसी जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति बाधित होती है।
सीजफायर से अंतरराष्ट्रीय व्यापार सुचारू रूप से चल पाएगा और आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी। इसके अलावा, वैश्विक आर्थिक मंदी के डर को भी कम किया जा सकेगा, जिससे अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों को लाभ होगा।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप के इजरायल-ईरान के बीच युद्ध विराम के ऐलान ने वैश्विक बाजारों में नई उम्मीद जगा दी है। शेयर मार्केट, तेल की कीमतें, रक्षा स्टॉक्स और निवेशकों के मनोबल पर इसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के असर होंगे।
जहां शेयर मार्केट और तेल की कीमतों में सुधार होगा, वहीं रक्षा क्षेत्र के स्टॉक्स में गिरावट आ सकती है। साथ ही निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा, जो आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है।
हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि दोनों देशों की ओर से युद्ध विराम को लेकर औपचारिक सहमति कब और कैसे मिलेगी। वैश्विक स्तर पर इस सीजफायर की सफलता के लिए कूटनीति और संवाद बेहद जरूरी होगा।
मध्य पूर्व की शांति के लिए यह पहला बड़ा कदम है, लेकिन स्थायी शांति के लिए निरंतर प्रयास और समझौते आवश्यक हैं। इसके चलते वैश्विक बाजारों में स्थिरता आएगी और आर्थिक विकास को मजबूती मिलेगी।